भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन, गांधी एक्ट 2025 ग्रामीण भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह अधिनियम केवल रोजगार की गारंटी नहीं देता, बल्कि गांवों को आत्मनिर्भर, मजबूत और समृद्ध बनाने की दिशा में एक समग्र प्रयास है। हाल ही में स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के साथ माननीय केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की संवाद बैठक में इस अधिनियम के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
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| VG RAMG Act 2025 |
VG RAMG Act 2025 क्या है?
VG RAMG Act 2025 दरअसल पहले से चली आ रही मनरेगा योजना का उन्नत और विस्तारित रूप है। जहां पहले ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर 125 दिनों की कानूनी गारंटी कर दिया गया है। इस कानून का उद्देश्य केवल मजदूरी देना नहीं, बल्कि ग्रामीण परिवारों की आजीविका, सशक्तिकरण और स्थायी विकास सुनिश्चित करना है।
रोजगार की 125 दिनों की कानूनी गारंटी
इस नए अधिनियम के तहत हर ग्रामीण परिवार को साल में 125 दिन का रोजगार मिलेगा। यदि कोई व्यक्ति काम की मांग करता है और उसे 15 दिनों के भीतर काम नहीं मिलता, तो उसे बेरोजगारी भत्ता देना राज्य सरकार की कानूनी जिम्मेदारी होगी। यह प्रावधान मजदूरों के अधिकारों को और मजबूत बनाता है।
मजदूरी भुगतान में पारदर्शिता और मुआवजा
VG RAMG Act 2025 में मजदूरी भुगतान को लेकर भी सख्त प्रावधान किए गए हैं। यदि काम करने के बाद 15 दिनों के भीतर मजदूरी खाते में नहीं आती, तो मजदूर को विलंब मुआवजा (Delay Compensation) मिलेगा। तय फार्मूले के अनुसार प्रतिदिन अतिरिक्त राशि दी जाएगी, जिससे मजदूरों को आर्थिक नुकसान न हो।
महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को विशेष प्राथमिकता
इस अधिनियम में महिलाओं की भूमिका को केंद्र में रखा गया है। कम से कम एक तिहाई लाभार्थी महिलाएं होंगी। विशेष रूप से महिला मुखिया वाले परिवारों और एकल महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उनके लिए विशेष जॉब कार्ड की व्यवस्था भी की गई है।
स्वयं सहायता समूहों (SHG) के लिए यह कानून नई संभावनाएं खोलता है। अब महिलाएं केवल मजदूरी तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि वर्कशेड, प्रशिक्षण केंद्र, कोल्ड स्टोरेज, नर्सरी, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट जैसे आजीविका आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण भी इस योजना के अंतर्गत किया जा सकेगा।
चार प्रमुख थीमैटिक फोकस एरिया
VG RAMG Act 2025 के तहत कार्यों को चार मुख्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
- जल संरक्षण और जल सुरक्षा: तालाब, चेक डैम, खेत तालाब, जल संरचनाएं, मत्स्य पालन आदि।
- कोर ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर: सड़कें, स्कूल भवन, आंगनवाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, SHG वर्कशेड।
- आजीविका आधारित कार्य: कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, नर्सरी, सब्जी उत्पादन।
- प्राकृतिक आपदा से निपटने के कार्य: बाढ़, सूखा, अत्यधिक मौसम घटनाओं से सुरक्षा।
ग्राम सभा की भूमिका और विकसित ग्राम पंचायत योजना
इस अधिनियम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कामों का चयन गांव के लोग स्वयं करेंगे। ग्राम सभा के माध्यम से विकसित ग्राम पंचायत योजना बनाई जाएगी, जिसमें गांव की जरूरतों के अनुसार कार्य तय होंगे। दिल्ली या राज्य की राजधानी से थोपे गए काम नहीं होंगे, बल्कि गांव की आवाज को प्राथमिकता मिलेगी।
कन्वर्जेंस और सैचुरेशन पर फोकस
VG RAMG Act 2025 में विभिन्न सरकारी योजनाओं के कन्वर्जेंस पर विशेष जोर दिया गया है। कृषि, पशुपालन, जल संसाधन, महिला एवं बाल विकास जैसे विभागों के साथ मिलकर कार्य किए जाएंगे, ताकि गांव की हर जरूरत को सैचुरेशन मोड में पूरा किया जा सके।
कृषि सीजन में विशेष प्रावधान
कृषि बुवाई और कटाई के समय मजदूरों की कमी को देखते हुए इस अधिनियम में यह प्रावधान है कि साल में अधिकतम 60 दिनों तक VG RAMG के कार्य अस्थायी रूप से रोके जा सकते हैं, ताकि किसान खेती के काम के लिए मजदूरों का उपयोग कर सकें।
पारदर्शिता, टेक्नोलॉजी और भ्रष्टाचार पर लगाम
इस योजना में आधुनिक टेक्नोलॉजी, बायोमेट्रिक उपस्थिति और साप्ताहिक डिस्क्लोजर को अनिवार्य किया गया है। पंचायत भवन में यह जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाएगी कि किसने काम मांगा, किसे काम मिला और भुगतान की स्थिति क्या है। इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और भरोसा बढ़ेगा।
विकसित भारत 2047 की दिशा में मजबूत कदम
माननीय मंत्रीगण ने स्पष्ट किया कि VG RAMG Act 2025 का उद्देश्य केवल योजना का नाम बदलना नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत को 2047 तक विकसित भारत का मजबूत स्तंभ बनाना है। रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर, आजीविका और महिला सशक्तिकरण – चारों को साथ लेकर चलना ही इस अधिनियम की आत्मा है।
विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन 2025 ग्रामीण भारत के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। यह योजना रोजगार की सुरक्षा के साथ-साथ महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने का मजबूत आधार प्रदान करती है। यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया और गांव स्तर पर जागरूकता फैलाई गई, तो यह अधिनियम वास्तव में विकसित भारत के सपने को साकार करेगा।
