सुलताना (राजस्थान), जुलाई 2025 – सुलताना कस्बे में बिजली निगम द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं में भारी असंतोष देखा जा रहा है। राष्ट्रीय जाट महासंघ के नेतृत्व में ग्रामीणों और व्यापारियों ने एकजुट होकर डिस्कॉम और बिजली निगम के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटरों के नाम पर उपभोक्ताओं पर जबरन अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला जा रहा है, जबकि इसकी तकनीकी जानकारी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।
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सुलताना में स्मार्ट मीटरों का विरोध तेज़ |
बढ़ते बिलों से उपभोक्ता चिंतित
प्रदर्शन के दौरान ब्लॉक अध्यक्ष महेन्द्र धनखड़ ने बताया कि जहां पहले उपभोक्ताओं का मासिक बिजली बिल लगभग ₹500 आता था, वहीं अब यह राशि अचानक ₹1,000 से अधिक हो गई है। उन्होंने आशंका जताई कि यह वृद्धि किसी तकनीकी खामी या स्मार्ट मीटर की प्रोग्रामिंग त्रुटि के कारण हो सकती है।
धनखड़ ने कहा, "स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिना अतिरिक्त खपत के ही बिलों में भारी इज़ाफा हुआ है, जिससे आम उपभोक्ता परेशान और चिंतित हैं।"
जर्जर बिजली तंत्र पर उठे सवाल
ग्रामीण सरजीत लांबा ने बिजली निगम की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि बारिश के मौसम में क्षेत्र की विद्युत लाइनों की जर्जर स्थिति जानलेवा साबित हो रही है, लेकिन निगम ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि,
"स्मार्ट मीटर लगाने से पहले डिस्कॉम को चाहिए कि वह मौजूदा विद्युत तंत्र की मरम्मत करे, ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाए और फॉल्ट सिस्टम को दुरुस्त करे।"
स्मार्ट मीटरों को बताया ‘महंगे और असमर्थित’
प्रदर्शन में शामिल पार्षद प्रमोद टेलर ने कहा कि स्मार्ट मीटर, उपभोक्ता के हित में नहीं हैं। उन्होंने इसे एकतरफा निर्णय करार देते हुए कहा कि,
"यह मीटर उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट नहीं, बल्कि महंगे और परेशानी भरे साबित हो रहे हैं।"
जन आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने बिजली निगम को चेतावनी दी कि यदि स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य अविलंब नहीं रोका गया और उपभोक्ताओं की शिकायतों पर जनसुनवाई नहीं की गई, तो राष्ट्रीय जाट महासंघ के नेतृत्व में व्यापक स्तर पर जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि बिजली विभाग गांवों में खुले मंच पर जनसुनवाई करे और जनता की आपत्तियों को गंभीरता से ले।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोग
इस विरोध प्रदर्शन में राकेश बोराण, चंद्रभान धनखड़, नरोत्तम सोनी, नरेश धनखड़, अभिषेक सोनी, मुकेश, रजनीश धनकड़, संदीप झाझडिया, दीपक सोनी, मनरूप डारा, विनोद कुल्हरी, मनोज जांगिड़ सहित कई ग्रामीणों ने भाग लिया।
सुलताना में स्मार्ट मीटरों के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन, केवल तकनीकी मुद्दा नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवादहीनता का भी संकेत है। बढ़ते बिजली बिल, बिना स्पष्ट जानकारी के तकनीकी बदलाव और आधारभूत ढांचे की अनदेखी जैसे मुद्दों ने इस आंदोलन को व्यापक जन समर्थन दिलाया है। यदि विभाग ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो यह मामला बड़े जन आंदोलन में तब्दील हो सकता है।
लेखक: jitendra barala
स्थान: सुलताना, राजस्थान
विषय: ऊर्जा एवं उपभोक्ता नीति
प्रकाशन तिथि: जुलाई 2025